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कन्हैया दौडा आएगा (Kanhaiya Dauda Aayega)

अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥


जब दूर सवेरा हो,

घनघोर अंधेरा हो,

मेरे श्याम की आस लगाए जा,

तू छोड़ दे नैया को,

बस श्याम भरोसे पर,

बस श्याम नाम गुण गाये जा,

बनकर के माझी साँवरिया,

भव सागर पार करायेगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


हर एक मुसीबत ही,

खुद हल हो जाएगी,

जब मोरछड़ी लहरायेगा,

गोदी में बैठाकर के,

सीने से लगाकर के,

तेरे सिर पर हाथ फिरायेगा,

जितने भी अश्क बहे तेरे,

हर एक का मोल चुकाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


विश्वास की डोरी को,

तू थाम ले कस कर के,

बाँका ना होगा बाल तेरा,

साये सा ‘तरुण’ तेरे,

संग चलता जाएगा,

ये बनकर के रखवाल तेरा,

संकट पे संकट बनकर के,

मेरा श्याम स्वयं चढ़ जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा

कन्हैया दौडा आएगा ॥


अपने भगत की,

आँख में आँसू,

देख ना पाएगा,

जब जब भी श्याम दिवानों के,

सर पे संकट मंडराएगा,

कन्हैया दौड़ा आएगा,

अपने भगतों के लिए,

कुछ भी कर जाएगा,

कन्हैया दौडा आएगा ॥

चलो मन वृन्दावन की ओर (Chalo Mann Vrindavan Ki Aur)

चलो मन वृन्दावन की ओर,
प्रेम का रस जहाँ छलके है,

रहे संग तेरा नाम प्रभु हर पल मेरे जीवन में(Rahe Sang Tera Naam Prabhu Har Pal Mere Jeevan Mein)

रहे संग तेरा नाम प्रभु,
हर पल मेरे जीवन में,

क्यों मनाते हैं रथ सप्तमी

रथ सप्तमी सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार 4 फरवरी को मनाई जाएगी।

रवि प्रदोष व्रत शाम में पूजा

हिंदू धर्म में अनेक तीथियां जो बेहद पावन मानी गई है उनमें से ही एक है त्रयोदशी तिथि। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन साधक प्रदोष व्रत रखते हैं।

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