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करो कृपा कुछ ऐसी, तेरे दर आता रहूँ (Karo Kripa Kuchh Aisi, Tere Dar Aata Rahun)

करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

तू ही हमदर्द है मेरा,

तुझे सुनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तमाम उम्र तेरे साथ,

मैं बिताता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

बैठा मेरे सामने हो तू,

और मैं सजाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

अपनी हस्ती को बनके पागल,

मैं मिटाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


बता मेरे यार सुदामा रै (Bata Mere Yaar Sudama Re)

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घणे दिना में आया ।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

संगीत प्रारंभ पूजा विधि

भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।

जय जय सुरनायक जन सुखदायक (Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak Prantpal Bhagvant)

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥

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