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काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरी से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


भस्मी रमाए देखो,

डमरू बजाए,

कैसा निराला भोले,

रूप सजाए,

गले में है सर्पो का हार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


मृगछाला पहने है,

जटाओं में गंगा,

चमचम चमकता है,

माथे पे चंदा,

गौरी मैया के श्रृंगार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


देवों के देव इनकी,

महिमा महान है,

भोले भक्तो के ये तो,

भोले भगवान है,

करने भक्तो का उद्धार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरीं से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


सुनके भक्तो की पुकार,

होके नंदी पे सवार,

काशी नगरी से,

आए है शिव शम्भू,

सुनके भक्तो की पुकार ॥


चरणों में रखना (Charno Mein Rakhna)

चरणों में रखना,
मैया जी मुझे चरणों में रखना,

सावन सुहाना आया है(Sawan Suhana Aaya Hai)

सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन ॥

कण-कण में है राम समाया, जान सके तो जान (Kan Kan Me Hai Ram Samaya Jan Sake Too Jan)

मंदिर-मंदिर जाकर प्राणी,
ढूंढ रहा भगवान,

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,

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