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कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया (Krishna Kanhaiya Bansi Bajaiya)

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,

नंदलाला घनश्याम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


श्यामसखा गिरिवरधारी,

मुरली मनोहर बनवारी,

जितने सुंदर नाम है तेरे,

उतने सुंदर काम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


मोहन तुम ब्रज के ग्वाला,

रसिया माधव गोपाला,

तेरा ध्यान धरूँ नटनागर,

हर सुबह हर शाम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


इतना दो वरदान प्रभु,

कर दो यह एहसान प्रभु,

तेरे चरणों में बीते ये मेरी,

उम्र तमाम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥


कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,

नंदलाला घनश्याम रे,

गोवर्धन गिरधारी कान्हा,

तेरे कितने नाम रे,

बोलो श्याम राधे श्याम,

बोलो श्याम राधे श्याम ॥

कभी भूलू ना.. मेरे राधा रमण (Kabhi Bhoolun Na Radha Raman Mere)

कभी भूलू ना कभी भूलू ना
कभी भूलू ना याद तुम्हारी

श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

रानीसती चालीसा ( Ranisati Chalisa )

श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार I

आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,
उन बिन और सकल बेकाम ॥

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