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लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

कान्हा की सुनके मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

लाला जनम सुन आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


देदो बधाई मैया देदो बधाई,

लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


टीका भी लूँगी मैया,

बिंदियां भी लूँगी,

रेशम की लूँगी रजाई,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


साड़ी भी लूँगी मैया,

लहँगा भी लूँगी,

धोती भी लूँगी मैया,

कुर्ता भी लूँगी,

पगडि की होगी चढ़ाई,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


हरवा भी लूँगी मैया,

चुड़ि भी लूँगी,

कंगना पे होगी चढ़ाई,

यशोदा मैया देदो बधाई।


चन्द्र सखी भज,

बाल कृष्ण छवि,

नित नित जाऊँ बलिहारी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।


लल्ला की सुन के मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

कान्हा की सुनके मै आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई,

लाला जनम सुन आयी,

यशोदा मैया देदो बधाई ।

क्यों मनाते हैं रथ सप्तमी

रथ सप्तमी सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार 4 फरवरी को मनाई जाएगी।

देव है ये भोले भक्तो का, खुद भी भोला भाला (Dev Hai Ye Bhole Bhakto Ka Khud Bhi Bhola Bhala)

देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी (Dam Dam Damru Bajaye Mera Jogi)

डम डम डमरू बजाए मेरा जोगी,
जाने कैसी माया रचाए मेरा जोगी,

हरियाली अमावस्या : पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा पर्व

आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।

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