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माँ दुर्गे आशीष दो (Maa Durge Ashish Do)

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो

मन मे मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो ॥


जनम जनम का साथ हो तेरा इतना आशीर्वाद दो,

कृपा तेरी बनी रहे माँ सर पे तेरा हाथ हो,

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,

मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,

माँ दुर्गे आशीष दो ॥


जब भी तुझको याद किया पल में दर्श दिखाती हो,

अपने बच्चो को मैया ममता से गले लगाती हो,

माँ गले लगाती हो,

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो।

मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,

माँ दुर्गे आशीष दो ॥


तेरे नाम का अमृत पाये ऐसी किरपा कर दे माँ,

झोलियाँ सबकी भर जाये नजर मेहर की करदे माँ,

नजर मेहर की करदे माँ,

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो,

मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,

माँ दुर्गे आशीष दो माँ दुर्गे आशीष दो ॥


मन में मेरे वास हो तेरा चरणो संग प्रीत हो,

माँ दुर्गे आशीष दो ॥

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की

शिव सन्यासी से मरघट वासी से (Shiv Sanyasi Se Marghat Wasi Se)

शिव सन्यासी से मरघट वासी से,
मैया करूँगी मैं तो ब्याह,

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,

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