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महल को देख डरे सुदामा (Mahal Ko Dekh Dare Sudama)

महल को देख डरे सुदामा

का रे भई मोरी राम मड़ईया

कहाँ के भूप उतरे


इत उत भटकत,चहुँ ओर खोजत

मन में सोच करे

का रे भई मोरी राम मड़ईया

प्रभु से विनय करे


कनक अटारी चढ़ी बोली सुंदरी

काहे भटक रह्यो

सकल सम्पदा है गृह भीतर

दीनानाथ भरे


प्रथम द्वार गजराज विराजे

दूजे अश्व खड़े

तीजे द्वार विश्वकर्मा बैठे

हीरा-रतन जड़े


दीनानाथ तिन्हन के अंदर

जा पर कृपा करे

सूरदास प्रभु आस चरण की

दुःख दरिद्र हरे

मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब मनाई जा रही

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, और मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

ओ पवन पुत्र हनुमान राम के, परम भक्त कहलाए (O Pawan Putra Hanuman Ram Ke Param Bhakt Kahlaye)

ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,
परम भक्त कहलाए,

ये चमक ये दमक (Ye Chamak Ye Damak)

ये चमक ये दमक,
फूलवन मा महक,

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