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मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तू मृत्यु लोक में आया,

तुने राम नाम नहीं गाया,

दुनिया को अपना बनाया,

यूँ माया में भरमाया,

अब तो बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


श्री राम की शरण में आजा,

क्यों दुनिया के पीछे भागे,

जरा बैठ के ध्यान लगाले,

अब सुन तो ले अभागे,

दर दर डोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तुने मनुष्य तन तो पाया,

विषयो में यू हीं गवाया,

मिठा है यह अमृत सा,

संतो ने स्वाद बताया,

तो रसमय होलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

लड्डू गोपाल मेरा, छोटा सा है लला मेरा (Laddu Gopal Mera Chota Sa Hai Lalaa)

लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल ।
छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,

मेरे बाबा मेरे महाकाल: शिव भजन (Mere Baba Mere Mahakal)

देवों के महादेव है कालों के ये काल,
दुनिया की बुरी नजरों से रखते मेरा ख्याल,

मणिकर्णिका घाट स्नान

वैकुंठ चतुर्दशी के दिन मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव व विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। 14 नवंबर को मणिकर्णिका स्नान का विधान है।