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मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तू मृत्यु लोक में आया,

तुने राम नाम नहीं गाया,

दुनिया को अपना बनाया,

यूँ माया में भरमाया,

अब तो बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


श्री राम की शरण में आजा,

क्यों दुनिया के पीछे भागे,

जरा बैठ के ध्यान लगाले,

अब सुन तो ले अभागे,

दर दर डोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तुने मनुष्य तन तो पाया,

विषयो में यू हीं गवाया,

मिठा है यह अमृत सा,

संतो ने स्वाद बताया,

तो रसमय होलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां (Charan Kamal Tere Dhoye Dhoye Peevan)

सिमर सिमर नाम जीवा
तन मन होए निहाला,

कब है षटतिला एकादशी

विश्व के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व है।

विष्णु जी की पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय