नवीनतम लेख

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना (Main Bhi Bolun Ram Tum Bhi Bolo Na)

मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तू मृत्यु लोक में आया,

तुने राम नाम नहीं गाया,

दुनिया को अपना बनाया,

यूँ माया में भरमाया,

अब तो बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


श्री राम की शरण में आजा,

क्यों दुनिया के पीछे भागे,

जरा बैठ के ध्यान लगाले,

अब सुन तो ले अभागे,

दर दर डोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


तुने मनुष्य तन तो पाया,

विषयो में यू हीं गवाया,

मिठा है यह अमृत सा,

संतो ने स्वाद बताया,

तो रसमय होलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना,

मैं भी बोलु राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥


मैं भी बोलूं राम तुम भी बोलो ना,

राम है अनमोल मुख को खोलो ना ॥

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संकटों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 विशेष रूप से चैत्र मास में मनाई जाती है और इस दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

भोले तेरे चरणों की (Bhole Tere Charno Ki)

भोले तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें

दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।