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मैं हूँ दासी तेरी दातिए (Main Hoon Daasi Teri Datiye)

मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मेरा प्राणो से प्यारा पति,

मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,

माता रानी इसे मेरी आयु लगे,

ये मनोकामना है मेरी,

माँ तेरे लाल की,

माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैया तू ही मेरी आस है,

मेरा तुझपे ही विश्वास है,

आसरा है तेरा,

मुझपे करना दया,

मेरी तुझसे ये अरदास है,

बिन तेरे प्यार के,

बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥

धनवंतरि भगवान की आरती (Dhanvantri Bhagwan ki Aarti)

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान (Maine Tere Hi Bharose Hanuman)

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

आओ बालाजी, आओं बालाजी (Aao Balaji Aao Balaji)

आओ बालाजी,
आओं बालाजी,

अगहन को मार्गशीर्ष क्यों कहते हैं

मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।