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मैं हूँ दासी तेरी दातिए (Main Hoon Daasi Teri Datiye)

मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मेरा प्राणो से प्यारा पति,

मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,

माता रानी इसे मेरी आयु लगे,

ये मनोकामना है मेरी,

माँ तेरे लाल की,

माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैया तू ही मेरी आस है,

मेरा तुझपे ही विश्वास है,

आसरा है तेरा,

मुझपे करना दया,

मेरी तुझसे ये अरदास है,

बिन तेरे प्यार के,

बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥


मैं हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए,

मैया जब तक जियूं,

मैं सुहागन रहूं,

मुझको इतना तू वरदान दे,

मै हूँ दासी तेरी दातिए,

सुन ले विनती मेरी दातिए ॥

तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।

लड्डू गोपाल मेरा, छोटा सा है लला मेरा (Laddu Gopal Mera Chota Sa Hai Lalaa)

लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल ।
छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,

दर्श अमावस्या के उपाय क्या हैं?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो पितरों को समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना, तर्पण और दान किया जाता है।

श्री महाकाल ऐसा वरदान दो (Shri Mahakal Aisa Vardan Do)

श्री महाकाल ऐसा वरदान दो,
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