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मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान (Maine Tere Hi Bharose Hanuman)

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


काहे की या नाव बनाई,

काहे की पतवार,

रामा काहे की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


राम नाम की नाव बनाई,

भक्ति की पतवार,

ओ रामा ज्ञान की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


कौन सखी वामें बैठनहारे,

कौन है खेवनहार,

रामा कौन लगाहे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


सीता मैया बैठनहारी,

लक्ष्मण खेवनहार,

मोरे राम जी लगावे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


तुलसीदास आस रघुवर की,

चरणन में बलिहार,

मोरे बालाजी लगाहे बेडा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥

नवरात्रि सरस्वती पूजा 2024: शारदीय नवरात्रि के सांतवे दिन से होती है सरस्वती पूजा की शुरूआत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी है। इन नौ दिन मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी।

राम नवमी 2025 तिथि और मुहूर्त

राम नवमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और विशेष पर्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की (Na Jee Bhar Ke Dekha Naa Kuch Baat Ki)

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की,
बड़ी आरजू थी, मुलाकात की ।

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हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी दोनों ही भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के अवसर हैं।

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