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मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान (Maine Tere Hi Bharose Hanuman)

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


काहे की या नाव बनाई,

काहे की पतवार,

रामा काहे की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


राम नाम की नाव बनाई,

भक्ति की पतवार,

ओ रामा ज्ञान की लगा दी जंजीर,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


कौन सखी वामें बैठनहारे,

कौन है खेवनहार,

रामा कौन लगाहे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


सीता मैया बैठनहारी,

लक्ष्मण खेवनहार,

मोरे राम जी लगावे बेड़ा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


तुलसीदास आस रघुवर की,

चरणन में बलिहार,

मोरे बालाजी लगाहे बेडा पार,

सागर में नैया डार दई,

मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥


मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,

सागर में नैया डाल दई ॥

श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् (Durga Ashtottara Shatanama Stotram)

दुर्गाअष्टोत्तरशतनामस्तोत्र एक पवित्र हिंदू मंत्र या स्तोत्र है, जिसमें देवी दुर्गा के 108 नामों का वर्णन है। यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती के अंदर आता है और देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है।

भगवान बुद्ध वन्दना (Bhagwan Buddha Vandana)

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।
नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।

म्हारा सालासर का बाला, ओ जी अंजनी माँ का लाला(Mhara Salasar Ka Bala O Ji Anjani Maa Ka Lala)

म्हारा सालासर का बाला,
ओ जी अंजनी माँ का लाला,

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

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