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कोई देवता नही है, भोले नाथ की तरह (Koi Devta Nahi Hai Bhole Nath Ki Tarah)

कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


शिव ने हमारे वास्ते,

क्या क्या नहीं किया,

सौ बार शुक्रिया है,

सौ सौ बार शुक्रिया,

रखते खयाल मेरा,

औलाद की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अहसान इनके लाखों है,

कितने मैं गिनाऊँ,

किस किस को बताऊँ,

और क्या क्या मैं बताऊँ,

ये लाज मेरी समझे,

अपनी लाज की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अब माँगने को हाथ,

ये उठते नही मेरे,

कहता ‘पवन’ अब कोई,

चिंता नहीं घेरे,

रहे संग ये हमेशा,

मेरी साँस की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥

क्यों मनाते हैं कजलियां पर्व (Kyon Manaate Hain Kajaliyaan Parv)

रक्षाबंधन के एक दिन बाद क्यों मनाते हैं कजलियां पर्व, जानिए क्या है इनका इतिहास

तेरी तुलना किससे करूं माँ(Teri Tulna Kisse Karu Maa)

तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,

शिव में मिलना हैं (Shiv Mein Milna Hai)

शिव में मिलना है ॥

षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

षटतिला एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित है। हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

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