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कोई देवता नही है, भोले नाथ की तरह (Koi Devta Nahi Hai Bhole Nath Ki Tarah)

कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


शिव ने हमारे वास्ते,

क्या क्या नहीं किया,

सौ बार शुक्रिया है,

सौ सौ बार शुक्रिया,

रखते खयाल मेरा,

औलाद की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अहसान इनके लाखों है,

कितने मैं गिनाऊँ,

किस किस को बताऊँ,

और क्या क्या मैं बताऊँ,

ये लाज मेरी समझे,

अपनी लाज की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


अब माँगने को हाथ,

ये उठते नही मेरे,

कहता ‘पवन’ अब कोई,

चिंता नहीं घेरे,

रहे संग ये हमेशा,

मेरी साँस की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥


कोई देवता नही है,

भोले नाथ की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह,

लूटाते है खजाना बरसात की तरह ॥

क्या है शनि प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

एक तमन्ना माँ है मेरी(Ek Tamanna Ma Hai Meri)

एक तमन्ना माँ है मेरी,
दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

जिसके लिए हर मुश्किल, काम आसान है (Jiske Liye Har Mushkil Kaam Aasan Hai)

जिसके लिए हर मुश्किल,
काम आसान है,

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