नवीनतम लेख

चौसठ जोगणी रे भवानी (Chausath Jogani Re Bhawani)

चौसठ जोगणी रे भवानी,

देवलिये रमजाय,

घूमर घालणि रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


देवलिये रमजाय म्हारे,

आंगणिये रमजाय,


चौसठ जोगणी रे भवानी,

देवलिये रमजाय,

घूमर घालणि रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


हंस सवारी कर मोरी मैया,

ब्रम्हा रूप बणायो,

ब्रम्हा रूप बणायो नवदुर्गा,

ब्रम्हा रूप बणायो,

चार वेद मुख चार बिराजे,

चारा रो जस गायो ॥


घूमर घालनी रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


गरुड़ सवारी कर मेरी मैया,

विष्णु रूप बणायो,

विष्णु रूप बणायो नवदुर्गा,

विष्णु रूप बणायो,

गदा पदम संग चक्र बिराजे,

मधुबन रास रचायो ॥


घूमर घालनी रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


नंदी सवारी कर मेरी मैया,

शक्ति रूप बणायो,

शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा,

शक्ति रूप बणायो,

जटा मुकुट मै गंगा खळके,

शेष नाग लीपटायो ॥


घूमर घालनी रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


सिंघ सवारी कर मेरी मैया,

शक्ति रूप बणायो,

शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा,

शक्ति रूप बणायो,

सियाराम तेरी करे स्तुति,

भक्त मंडल जस गायो ॥


घूमर घालनी रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥


चौसठ जोगणी भवानी,

देवलिये रमजाय,

घूमर घालणि रे भवानी,

देवलिये रमजाय ॥

हनुमत के गुण गाते चलो (Hanumat Ke Gun Gate Chalo)

हनुमत के गुण गाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,

भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Bhagwan Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rijhane Aaya Hun)

भगवान तुम्हारे चरणों में,
> मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,

मां दुर्गा के चमत्कारिक मंदिर

भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।

तिरुमला वैकुंठ द्वार

वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी, इस दौरान लाखों लोग तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं।

यह भी जाने