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बिगड़ी किस्मत को बनाना, शिव भोले का काम है (Bigdi Kismat Ko Banana Shiv Bhole Ka Kaam Hai)

बिगड़ी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है,

रोते को पल में हसाना,

शिव भोले का काम है,

बिगडी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है,

रोते को पल में हसाना,

शिव भोले का काम है ॥


किस पे कब खुश होंगे भोले,

जानता कोई नहीं,

फूल पतझड़ में खिलाना,

शिव भोले का काम है,

बिगडी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है ॥


रास्ता मुश्किल हो कितना,

गिरने देते है नहीं,

राहों पे चलना सीखना,

शिव भोले का काम है,

बिगडी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है ॥


शिव की किरपा नित्य बरसे,

बंदे इस संसार में,

‘देवेंद्र’ को अपना बनाना,

शिव भोले का काम है,

बिगडी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है ॥


बिगड़ी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है,

रोते को पल में हसाना,

शिव भोले का काम है,

बिगडी किस्मत को बनाना,

शिव भोले का काम है,

रोते को पल में हसाना,

शिव भोले का काम है ॥


खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,

फागुन माह का पहला प्रदोष व्रत

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा मां एकादशी के जन्म से संबंधित है। इसमें ये बताया गया है कि उन्होंने भगवान विष्णु को एक राक्षस से कैसे बचाया। दरअसल सतयुग में एक मुरा नाम का एक राक्षस था।

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