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मंगल मूरति राम दुलारे(Mangal Murati Ram Dulare)

मंगल मूरति राम दुलारे,

आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

हे बजरंगबली हनुमान,

हे महावीर करो कल्याण,

हे महावीर करो कल्याण ॥


तीनों लोक तेरा उजियारा,

दुखियों का तूने काज सवारा,

हे जगवंदन केसरी नंदन,

कष्ट हरो हे कृपा निधान ॥


मंगल मुरति राम दुलारे,

आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

हे बजरंगबली हनुमान,

हे महावीर करो कल्याण ॥


तेरे द्वारे जो भी आया,

खाली नहीं कोई लौटाया,

दुर्गम काज बनावन हारे,

मंगलमय दीजो वरदान ॥


मंगल मुरति राम दुलारे,

आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

हे बजरंगबली हनुमान,

हे महावीर करो कल्याण ॥


तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,

नासे रोग हरे सब पीरा,

राम लखन सीता मन बसिया,

शरण पड़े का कीजे ध्यान ॥


मंगल मूरति राम दुलारे,

आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

हे बजरंगबली हनुमान,

हे महावीर करो कल्याण,

हे महावीर करो कल्याण ॥

नारायण मिल जाएगा(Narayan Mil Jayega)

प्रेम प्रभु का बरस रहा है
पीले अमृत प्यासे

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

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मार्गशीर्ष माह कब शुरू हो रहा है? ये श्रीकृष्ण की पूजा के लिए क्यों है खास? इस आलेख में जानें कार्तिक माह के बाद आने वाले मार्गशीर्ष के महत्व और लाभ।

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।

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