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महाकाल की बारात में (Mahakal Ki Barat Mein)

डम ढोल नगाड़ा बाजे,

झन झन झनकारा बाजे,

डम डम डम डमरु बाजे,

महाकाल की बारात में,

महाकाल की बारात मे ॥


दूल्हा बने भोले भंडारी,

तन पर भस्म रमाके,

भूत प्रेत नंदी गण नाचे,

बज रहे ढोल ढमाके,

मस्तक पर चंदा साजे,

नंदी पर आप विराजे,

डम डम डम डमरु बाजे,

महाकाल की बारात मे ॥


भांग धतुरा पिये हलाहल,

दूल्हा बड़ा निराला,

माँ पार्वती के दिल को भाया,

ये कैसा दिलवाला,

जिसके गले में नाग विराजे,

मृगशाला तन पर साजे,

डम डम डम डमरु बाजे,

महाकाल की बारात मे ॥


उजले होकर सज गए भोले,

मोहक रुप बनाए,

ब्रम्हा जी मृदंग बजाते,

विष्णु मंगल गाए,

श्रृंगी भृंगी भी नाचे,

देव और दानव भी नाचे,

‘गौरव तिलक’ भी नाचे,

महाकाल की बारात में,

डम डम डम डमरु बाजे,

महाकाल की बारात मे ॥


डम ढोल नगाड़ा बाजे,

झन झन झनकारा बाजे,

डम डम डम डमरु बाजे,

महाकाल की बारात में ॥

करवा चौथ व्रत-कथा की कहानी (Karva Chauth Vrat-katha Ki Kahani)

अतीत प्राचीन काल की बात है। एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तब करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे।

हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।
हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

शक्ति दे मां शक्ति दे मां (Shakti De Maa Shakti De Maa)

पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे।
शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ॥

रोम रोम में बस हुआ है एक उसी का नाम(Rom Rom Me Basa Hua Hai Ek Usi Ka Naam)

रोम रोम में बसा हुआ है,
एक उसी का नाम,

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