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कान्हा मेरी राखी का, तुझे कर्ज चुकाना है (Kanha Meri Rakhi Ka Tujhe Karj Chukana Hai)

कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


बैठा बैठा क्या सोचे,

पकड़ ले कलैया रे,

झूठे जग के झमेले में,

खो न जाऊं मैं भैया रे,

बनके खिवैया तुझे,

बनके खिवैया तुझे,

परली पार ले जाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


रेशम की डोरी का,

मान तुझे रखना है,

मैं ना कहूं कुछ भी,

तुझको समझना है,

भूल से भी भूल मुझसे,

भूल से भी भूल मुझसे,

तुझको ना कराना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


जिस राह पे ‘अर्चू’ चले,

वो राह अनजानी है,

थामकर उंगली मेरी,

तुझे राह दिखानी है,

बनके उजाला तुझे,

बनके उजाला तुझे,

ये अँधेरा मिटाना है,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥


कान्हा मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है,

जन्मों जनम तक ये,

जन्मों जनम तक ये,

अब रिश्ता निभाना है,

कान्हां मेरी राखी का,

तुझे कर्ज चुकाना है ॥

दर्शन को अखियाँ प्यासी है, कब दर्शन होगा श्याम धणी(Darshan Ko Akhiyan Pyasi Hai, Kab Darshan Hoga Shyam Ghani)

दर्शन को अखियाँ प्यासी है,
कब दर्शन होगा श्याम धणी,

आयो फागण को त्यौहार (Aayo Fagan Ko Tyohar)

आयो फागण को त्यौहार,
नाचे ठुमक ठुमक दातार,

आई सिंघ पे सवार (Aayi Singh Pe Swar)

आई सिंघ पे सवार,
मईया ओढ़े चुनरी,

कालाष्टमी पर क्या दान करें?

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 के नवंबर माह में ये तिथि 22 तारीख को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जो तंत्र-मंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है।

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