नवीनतम लेख

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

यदि चाह हमारे दिल में है,

तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥


काशी मथुरा वृंदावन में,

या अवधपुरी की गलियन में ।

गंगा यमुना सरयू तट पर,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


घर बार को छोड संयासी हुए,

सबको परित्‍याग उदासी हुए ।

छानेगें वन-वन खा‍क तेरी,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


सब भक्‍त तुम्हीं को घेरेंगे,

तेरे नाम की माला फरेंगे ।

जब आप ही खुद सरमाओगे,

हमें दर्शन दोगे कहीं ना कहीं ॥

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

यदि चाह हमारे दिल में है,

तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥

सब धामों से धाम निराला, श्री वृन्दावन धाम(Sab Dhamo Se Dham Nirala Shri Vrindavan Dham)

सब धामों से धाम निराला,
श्री वृन्दावन धाम,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,
तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

बंसी बजाय गयो श्याम (Bansi Bajaye Gayo Shyam)

बंसी बजाय गयो श्याम,
मोसे नैना मिलाय के,

उगादि 2025 कब मनाई जाएगी

हिंदू पंचांग के अनुसार, उगादि पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इसे हिन्दू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। इसलिए इसकी तिथि और मुहूर्त जानना बहुत जरूरी होता है।

यह भी जाने