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मन मोहन मूरत तेरी प्रभु(Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

यदि चाह हमारे दिल में है,

तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥


काशी मथुरा वृंदावन में,

या अवधपुरी की गलियन में ।

गंगा यमुना सरयू तट पर,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


घर बार को छोड संयासी हुए,

सबको परित्‍याग उदासी हुए ।

छानेगें वन-वन खा‍क तेरी,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


सब भक्‍त तुम्हीं को घेरेंगे,

तेरे नाम की माला फरेंगे ।

जब आप ही खुद सरमाओगे,

हमें दर्शन दोगे कहीं ना कहीं ॥

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।


मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,

मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।

यदि चाह हमारे दिल में है,

तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥

घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,
जीवन ये बीता जाये ॥

गणपति करते चरणों में हम है नमन (Ganpati Karte Charno Mein Hum Hai Naman)

गणपति करते चरणों में हम है नमन,
करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,

होली भाई दूज की कथा

सनातन धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है होली भाई दूज, जिसे "यम द्वितीया" भी कहा जाता है।

भाव सुमन लेकर मैं बैठा, गौरी सुत स्वीकार करो (Bhav Suman Lekar Main Baitha Gaurisut Swikar Karo)

भाव सुमन लेकर मैं बैठा,
गौरी सुत स्वीकार करो,

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