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मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया (Mere O Sanware Tune Kya Kya Nahi Kiya)

मेरे ओ सांवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया,

जब लगा मैं गिरा,

थामा तूने लिया,

फिर दोबारा ना गिरने दिया,

मेरे ओ साँवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया ॥


अपनों की कहूं,

क्या मैं तुझसे प्रभु,

कौन अपना है ये,

जानता है भी तू,

डाल मुझ पे नज़र,

तू मेरा हमसफर,

है ये जग को बता दिया,

मेरे ओ साँवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया ॥


जिसपे पड़ जाती है,

श्याम तेरी नज़र,

डगमगाती नहीं ,

कभी उसकी डगर,

संकटों ने ना फिर,

मुडके उसकी तरफ,

रुख दोबारा कभी भी किया,

मेरे ओ साँवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया ॥


मेरी है एक अरज,

तुमसे ऐ सांवरे,

देना कुछ भी,

ना देना अहम सांवरे,

गाऊं तेरे मैं गुण,

हर जगह घूम घूम,

श्याम ने क्या से क्या कर दिया,

मेरे ओ साँवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया ॥


मेरे ओ सांवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया,

जब लगा मैं गिरा,

थामा तूने लिया,

फिर दोबारा ना गिरने दिया,

मेरे ओ साँवरे,

तूने क्या क्या नहीं किया ॥

देवी सरस्वती स्तोत्रम् (Devi Saraswati Stotram)

या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा (Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे,
कान्हा दिल मेरा घबराये,

उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे (Uth Khada Ho Lakshman Bhayia Ji Na Lage)

उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥