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मेरे सोये भाग जगा भी दो(Mere Soye Bhag Jga Bhi Do Shiv Damaru Wale)

मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


तुमहे ने कैलाश पति,

लाखो को तारा ।

फिर क्यों न आया,

तुम को ध्यान तुम्हारा ।

खुशियों के फूल तुमने,

दुनिया को बांटे ।

झोली में हमारे क्या,

ये भर दिए कांटे ।

अब तो अपने दिन पलटा दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


तेरी तो जटाओ में है,

गंगा का पानी ।

पर न हमारी तुमने,

प्यास बुजाई ।

रावन को लंका देदी,

हे महादानी ।

अपने नसीबो में ये,

दुनिया पुरानी ।

कभी इस का भी चमका दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेहर का खजाना तेरे,

पास है विध्याता ।

उस में से थोडा बहुत,

मुझको भी दो दाता ।

कब से रोते है हँसा दो,

ओ शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

धरती गगन में होती है (Dharti Gagan Mein Hoti Hai)

धरती गगन में होती है,
तेरी जय जयकार ॥

करूँ वंदन हे शिव नंदन (Karu Vandan Hey Shiv Nandan )

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,

खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,

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