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म्हारा उज्जैन का महाराजा ने, खम्मा रे खम्मा(Mhara Ujjain Ka Maharaja Ne Khamma Re Khamma)

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा,

खम्मा रे खम्मा घणी रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


ओ बाबा उज्जैन ने खम्मा,

मैया क्षिप्रा जी ने खम्मा,

बाबा राम घाट ने खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


मंगल नाथ जी ने खम्मा,

त्रिशूल हाथ जी ने खम्मा,

भैरव घाट जी ने खम्मा,

डम डम डमरू जी री ताल बोले,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भोले नाथ जी ने खम्मा,

मैया हरसिद्धि ने खम्मा,

बाबा भैरव जी ने खम्मा,

भक्ता आवे थारा द्वार करता,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


दर्शन करने दूर से आयो,

आस दरश की मन में लायो,

दर्शन भीख मने दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


महाकाल मेरे दुःख हर लीजो,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे ॥

28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या?

हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

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मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
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तेरी चौखट पे ओ बाबा, जिंदगी सजने लगी(Teri Chaukhat Pe O Baba Zndagi Sajne Lagi)

तेरी चौखट पे ओ बाबा,
जिंदगी सजने लगी,

शिव ही बसे है कण कण में (Shiv Hi Base Hai Kan Kan Mein)

शिव ही बसे है कण कण में,
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