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म्हारा उज्जैन का महाराजा ने, खम्मा रे खम्मा(Mhara Ujjain Ka Maharaja Ne Khamma Re Khamma)

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा,

खम्मा रे खम्मा घणी रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


ओ बाबा उज्जैन ने खम्मा,

मैया क्षिप्रा जी ने खम्मा,

बाबा राम घाट ने खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


मंगल नाथ जी ने खम्मा,

त्रिशूल हाथ जी ने खम्मा,

भैरव घाट जी ने खम्मा,

डम डम डमरू जी री ताल बोले,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारां उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भोले नाथ जी ने खम्मा,

मैया हरसिद्धि ने खम्मा,

बाबा भैरव जी ने खम्मा,

भक्ता आवे थारा द्वार करता,

खम्मा रे खम्मा,

म्हारा उज्जैन का महाराजा ने,

खम्मा रे खम्मा,

भक्तां लाडीला महाकाल जी ने,

खम्मा रे खम्मा ॥


भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भोलेनाथ मेरे शम्भुनाथ जी,

भक्तो ने दर्शन दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


दर्शन करने दूर से आयो,

आस दरश की मन में लायो,

दर्शन भीख मने दे दीजो,

मेरे भोलेनाथ जी ॥


महाकाल मेरे दुःख हर लीजो,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे,

प्रभु आज खड़ा हूँ द्वार तेरे ॥

करवा चौथ व्रत-कथा की कहानी (Karva Chauth Vrat-katha Ki Kahani)

अतीत प्राचीन काल की बात है। एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तब करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे।

संसार का सारा सुख केवल, श्री राम तुम्हारे चरणों में(Sansar Ka Sara Sukh Keval Shree Ram Tumhare Charno Mein)

संसार का सारा सुख केवल,
श्री राम तुम्हारे चरणों में,

माँ तू ही नज़र आये(Maa Tu Hi Nazar Aaye)

मुँह फेर जिधर देखूं माँ तू ही नज़र आये,
माँ छोड़ के दर तेरा कोई और किधर जाये ॥

विवाह पंचमी की कथा क्या है

सनातन धर्म में विवाह पंचमी का दिन सबसे पवित्र माना गया है। क्योंकि यह वही दिन है, जब माता सीता और प्रभु श्री राम शादी के बंधन में बंधे थे। पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी का त्योहार हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

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