नवीनतम लेख

नन्द बाबा के अंगना देखो बज रही आज बधाई(Nand Baba Ke Angana Dekho Baj Rahi Aaj Badhai)

नन्द बाबा के अंगना देखो,

बज रही आज बधाई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


ढोल झांझ मृदंगहूँ बाजे,

और बाजे शहनाई,

सजधज कर सब सखियाँ आई,

गावन लगी बधाई,

मैं भी नाचन को आई,

मैं भी गावन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


मंगल साज सजाये सखी सब,

मैया के ढिंग आए,

युग युग जीवे तेरो लाला,

ये आशीष सुनाई,

काली घटा है छाई,

सब दौड़ दौड़ कर आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥


नन्द बाबा के अंगना देखो,

बज रही आज बधाई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई,

नगाड़ा जोर से बजा दे,

मैं नृत्य करन को आई ॥

मुकुन्द माधव गोविन्द बोल (Mukund Madhav Govind Bol)

मुकुट सिर मोर का,
मेरे चित चोर का ।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये उपाय

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और भगवान की आराधना करने से साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं।

श्री बृहस्पतिवार/गुरुवार की व्रत कथा (Shri Brispatvaar /Guruvaar Ki Vrat Katha

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था।

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में (Ram Gayi Maa Mere Rom Rom Main)

रम गयी माँ मेरे रोम रोम में,
रम गयी माँ मेरे रोम रोम में

यह भी जाने