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राम दीवाना हो मस्ताना, झूमे देखो बजरंगबली (Ram Diwana Ho Mastana Jhoome Dekho Bajrangbali)

राम दीवाना हो मस्ताना,

झूमे देखो बजरंगबली,

बजरंगबली बजरंगबली,

झूमे देखो बजरंगबली ॥


श्री राम की धुन में रहता,

हर दम ये मतवाला,

पवन पुत्र है वीर बजरंगी,

अंजनी माँ का लाला,

इनके चरणों में रहकर के,

साऱी विपदा टली टली,

राम दीवाना हो मस्ताना,

झूमे देखो बजरंगबली ॥


सियाराम के सारे कारज,

पल में ही सवारे,

सीता माँ की सुध लाये,

और लखन के प्राण बचाये,

रावण की लंका में पहुंचे देखो मच गयी है खाल बली,

राम दीवाना हो मस्ताना,

झूमे देखो बजरंगबली ॥


इनकी कृपा पाना चाहो,

राम नाम गुण गालो,

राम बसे इनके हिर्दय में,

तुम इनको हिर्दय में बसा लो,

कलयुग में है इनके नाम की धूम मची है गली गली,

राम दीवाना हो मस्ताना,

झूमे देखो बजरंगबली ॥

मान अकबर का घटाया है (Maan Akbar Ka Ghataya Hain)

मां ज्वाला तेरी देवीय शक्ति, नमन करूं श्रीनायक।
मान भक्तों का बढ़ाया है रे, मान भक्तों का बढ़ाया है।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के यम-नियम

हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

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