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ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तार ऐसा जुड़े जो ना टूटे कभी,

दुनिया रूठे मगर तू ना रूठे कभी,

जीते जी तेरी चौखट ना छूटे कभी,

जिंदगी भर अलख मैं जगाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


हे दया आपकी जो ये दर्शन दिए,

इससे ज्यादा भला और क्या चाहिए,

तेरी झूठन के दो कोर मिलते रहे,

बोझ जो जिंदगी का उठाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तेरी लागि जो लौ वो कभी ना बुझे,

भूल से भी कभी ना मैं भूलूँ तुझे,

भोले ऐसा दीवाना बना दो मुझे,

जाने के बाद भी याद आता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

तोरी बगिया में आम की डाल, कोयल बोले कुहू कुहू: भजन (Tori Bagiya Mein Aam Ki Daal Koyal Bole Kuhu Kuhu)

तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥

गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?

हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है।

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