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ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें (Aisi Bhakti Mahadev De Do Hame)

ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तार ऐसा जुड़े जो ना टूटे कभी,

दुनिया रूठे मगर तू ना रूठे कभी,

जीते जी तेरी चौखट ना छूटे कभी,

जिंदगी भर अलख मैं जगाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


हे दया आपकी जो ये दर्शन दिए,

इससे ज्यादा भला और क्या चाहिए,

तेरी झूठन के दो कोर मिलते रहे,

बोझ जो जिंदगी का उठाता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


तेरी लागि जो लौ वो कभी ना बुझे,

भूल से भी कभी ना मैं भूलूँ तुझे,

भोले ऐसा दीवाना बना दो मुझे,

जाने के बाद भी याद आता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥


ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,

रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,

जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,

दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,

ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,

रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥

मन में है विश्वास अगर जो श्याम सहारा मिलता है(Man Mein Hai Vishwas Agar Jo Shyam Sahara Milta Hai)

मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,

षटतिला एकादशी मंत्र

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।

दशहरा-विजयादशमी की पौराणिक कथा

शारदीय नवरात्र के बाद 10वें दिन दशहरे का त्योहार देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

मत्स्य द्वादशी के विशेष उपाय

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मत्स्य द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित है।

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