नवीनतम लेख

सब देव चले महादेव चले(Sab Dev Chale Mahadev Chale)

सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया,

आओ राघव साँवरिया ॥


शिव शंकर ने आगे बढ़कर अपना डमरू बजाया,

गन्धर्वों ने ताल मिला कर प्रभु की स्तुति गाया,

सब हरष रहे मेघ बरस रहे,

अमृत की सरस फुहार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


नौमि तिथि मधुमास पुनीता,

शुक्ल पक्ष अभिजीत हरी प्रीता,

मध्य दिवस अति शीत न धामा,

सकल काल लोक विश्राम,

ब्रम्हा वेद पढ़ें सुर यान चढ़ें,

फूलन की करें बौछार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


जो लगन गृह वार तिथि,

अनुकूल वो सब आई,

मनि आरे पर्वत सब महि,

सोलह श्रृंगार कर छायी,

कल्याण मूल मिले दोउ कुल,

सरयू बढ़ गयी अपार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥


सब देव चले महादेव चले,

ले ले फूलन के हार रे,

आओ रामा की नागरिया ॥

भीष्म द्वादशी पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार महाभारत युद्ध में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। तब भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते हुए माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन प्राण त्याग दिए थे।

अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,

आनंद ही आनंद बरस रहा (aanand-hi-aanand-baras-raha)

आनंद ही आनंद बरस रहा
बलिहारी ऐसे सद्गुरु की ।

शाबर मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

शाबर मंत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक हैं, जो मनुष्य की समस्याओं को सहजता से हल करने के लिए बनाए गए। ये मंत्र संस्कृत के कठिन श्लोकों के विपरीत, क्षेत्रीय भाषाओं और बोली में रचे गए हैं, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से पढ़ और उपयोग कर सकता है।

यह भी जाने