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सांवरिया थारी याद में, अँखियाँ भिगोया हाँ(Sawariya Thari Yaad Me Akhiyan Bhigoya Haan)

सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


म्हारी जीवन नैया थारे,

चरणा शीश का दानी,

हाथ लगा दो पार करा दो,

कर दो ना थे मेहरबानी,

खाटू का राजा कद म्हारे,

सिर पर हाथ फिराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जद जद थारी ज्योत जगाई,

हिवड़ो भर भर आयो,

बाबो म्हारे सागे कोणी,

सोच के जी मचलायो,

बाबा बतलाओ कद मेरो,

मन को भरम थे तोड़ोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जग यो सारो जाणे थारी,

म्हारी प्रीत पुराणी,

म्हा पर के के बित्यो बाबा,

थासु कुछ नहीं छानी,

कुणाल यो हारयो कद वाकी,

बोलो जीत कराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥

कैंलाश शिखर से उतर कर (Kailash Shikhar Se Utar Kar)

कैलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥

विष्णु चालीसा पाठ

शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी पाप समाप्त होते हैं।

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

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