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सांवरिया थारी याद में, अँखियाँ भिगोया हाँ(Sawariya Thari Yaad Me Akhiyan Bhigoya Haan)

सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


म्हारी जीवन नैया थारे,

चरणा शीश का दानी,

हाथ लगा दो पार करा दो,

कर दो ना थे मेहरबानी,

खाटू का राजा कद म्हारे,

सिर पर हाथ फिराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जद जद थारी ज्योत जगाई,

हिवड़ो भर भर आयो,

बाबो म्हारे सागे कोणी,

सोच के जी मचलायो,

बाबा बतलाओ कद मेरो,

मन को भरम थे तोड़ोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जग यो सारो जाणे थारी,

म्हारी प्रीत पुराणी,

म्हा पर के के बित्यो बाबा,

थासु कुछ नहीं छानी,

कुणाल यो हारयो कद वाकी,

बोलो जीत कराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥

होली क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।

राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,

आनंद ही आनंद बरस रहा (aanand-hi-aanand-baras-raha)

आनंद ही आनंद बरस रहा
बलिहारी ऐसे सद्गुरु की ।

राधे पूछ रही तुलसा से(Radhe Pooch Rahi Tulsa Se)

राधे पूछ रही तुलसा से,
तुलसा कहाँ तेरा ससुराल ।

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