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तेरी महिमा सभी ने बखानी(Teri Mahima Sabhi Ne Bakhani )

तेरी महिमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


हम शरण तेरी आए है,

जग छोड़ कर,

हम शरण तेरी आए है,

जग छोड़ कर,

दुनिया सारी बेगानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तेरा दर छोड़ कर,

माँ जाए कहाँ,

तेरा दर छोड़ कर,

माँ जाए कहाँ,

अब थाम लो हाथ भवानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


मेरा कोई नहीं,

मैया तेरे सिवा,

मेरा कोई नहीं,

मैया तेरे सिवा,

तेरे हाथों में है जिंदगानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तुम किरपामाई,

तुम हो करुणामई,

तुम किरपामाई,

तुम हो करुणामई,

भक्तों ने महिमा जानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी,

तेरी महीमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥


तेरी महिमा सभी ने बखानी,

दया हमपे करो अम्बे रानी ॥

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा (Jaha Le Chaloge Vahi Me Chalunga)

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो (Nagri Ho Ayodhya Si, Raghukul Sa Gharana Ho)

नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।

श्री शनिवार व्रत कथा

एक समय समस्त प्राणियों का हित चाहने वाले मुनियों ने नैमिषारण्य बन में एक सभा की उस समय व्यास जी के शिष्य सूत जी शिष्यों के साथ श्रीहरि का स्मरण करते हुए वहाँ पर आये।

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