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तेरी प्रीत में मोहन मन बावरा है(Teri Preet Me Mohanan Man Bawra Hai)

तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

चहुँ और फैली फरेब की माया,

इक तेरा दर ही तो सबसे निराला,

कण कण यहाँ सच्चा प्यार भरा है,

प्यार भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

मिलते गए तेरी प्रीत के मोती,

और रतन जहाँ के क्या मांगू भगवन,

प्रेम के अमृत से अंतर भरा है,

अंतर भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


अब तो कन्हैया सबको बता दे,

अब तो कन्हैया सबको बता दे,

प्रीत की गंगा ऐसी बहा दे,

‘अंकुश’ कहे जमाना सच्ची मेरी भक्ति,

सच्ची है प्रीत सच्चा ये सांवरा है,

ये सांवरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,

हे बांके बिहारी गिरधारी हो प्यार तुम्हारे चरणों में (Hey Banke Bihari Girdhari Ho Pyar Tumhare Charno Mein)

हे बांके बिहारी गिरधारी,
हो प्यार तुम्हारे चरणों में,

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