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तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


गाड़ी दिलवाई तूने घर बनवाया,

मैंने उस घर में तेरा मंदिर बनाया,

मन के मंदिर में मैंने तुमको बिठाया,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तेरे ही नाम का तिलक लगाऊं,

तिलक लगाऊं तेरी भक्ति बढ़ाऊं,

शिव शिव रट तेरी अलख जगाऊँ,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


यहाँ हर गली में बसता शिवा है,

बच्चा हो बूढ़ा हो सब भजता शिवा है,

डम डम डमरू बजायो रे भोलेबाबा,

तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥


तुम्हे दिल में बसाया,

तुम्हे अपना बनाया,

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी,

तूने जीना सिखाया भोलेंनाथ जी ॥

राम नवमी पर अयोध्या में भव्य आयोजन

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाए जाने वाले राम नवमी पर्व का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पूरे भारत वर्ष में 6 अप्रैल को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

पोला अमावस्या पूजा विधि (Pola Amavasya Puja Vidhi)

बैलों और गाय के बछड़ों को पूजने का पर्व है पोला अमावस्या, महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए करती हैं देवी दुर्गा की पूजा

भोले के नाम का प्याला पिएंगे: शिव भजन (Bhole Ke Naam Ka Pyala Piyege)

भोले के नाम का प्याला पिएंगे,
भोले के नाम का जप हम करेंगे,

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

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