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उनकी रेहमत का झूमर सजा है (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


मेरी झोली भी सरकार भर दो,

अपने सब की झोली भरी है,

अपनी महफिल से भेजो न खाली,

अपने सबकी झोली भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


मुझको महसूस यह हो रहा है,

तेरी महफिल में करुणा भरी है,

अपनी महफिल में करुना भरसा दो,

कमलीवाले की महफिल सजी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


तुमे अपना समजने मैं आया,

मांगने को तो दुनिया पड़ी है,

मुझे अपना समज के दया कर,

तेरी महफिल में करुना भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


तेरे दर से ना कोई खाली,

अपने सब की झोली भरी है,

मेरी झोली भी सरकार भर दो

अपने सब की झोली भरी है ॥


उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।

मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥


श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

श्याम राधे राधे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

कुंज मे विराजे, घनश्याम राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

श्री वृंदावन, राधे राधे ।

हे शिव शंकर भोले बाबा, मैं तेरे गुण गाऊं(Hey Shiv Shankar Bhole Baba, Main Tere Gun Gaoon)

हे शिव शंकर भोले बाबा,
मैं तेरे गुण गाऊं,

कन्हैया से नज़रे, मिला के तो देखो (Kanhaiya Se Najare Mila Ke To Dekho)

कन्हैया से नज़रे,
मिला के तो देखो,

परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

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