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वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

वृदावन मेरे बांके बिहारी,

बांके बिहारी की लीला है न्यारी,

ये नैना लड़ाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।

वृंदावन में यमुना किनारा

मेरा डुबकी लगाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृंदावन में निधिवान है प्यारा

मेरा रास रचाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन में संत बहुत है,

वृदावन में भगत बहुत है,

संत बहुत है रसिक बहुत है,

शीश झुकाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे (Shree Ram Ji Ka Mandir Banayenge)

श्री राम जी का मंदिर बनाएंगे,
भगवा ध्वज लहरायेंगे,

हरि का भजन करो, हरि है तुम्हारा (Hari Ka Bhajan Karo, Hari Hai Tumhara)

हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,

श्री गायत्री चालीसा (Sri Gayatri Chalisa)

हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड ।
शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

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