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Vrindavan Me Hukum Chale Barsane Wali Ka (वृन्दावन में हुकुम चले, बरसाने वाली का)

वृन्दावन में हुकुम चले,

बरसाने वाली का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


वहां डाली डाली पर,

वहां पत्ते पत्ते पर,

राज राधे का चलता,

गांव के हर रस्ते पर,

चारो तरफ़ डंका बजता,

वृषभानु दुलारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


कोई नन्दलाल कहता,

कोई गोपाल कहता,

कोई कहता कन्हैया,

कोई बन्शी का बजैया,

नाम बदलकर रख डाला,

उस कृष्ण मुरारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


सबको कहते देखा,

बड़ी सरकार है राधे,

लगेगा पार भव से,

कहो एक बार राधे,

बड़ा गजब का रुतबा है,

उसकी सरकारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


तमाशा एक देखा,

जरा ‘बनवारी’ सुनले,

राधा से मिलने खातिर,

कन्हैया भेष है बदले,

कभी तो चूड़ी वाले का,

और कभी पुजारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


​वृन्दावन में हुकुम चले,

बरसाने वाली का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥

षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

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कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा (Preet Main Puje Naam Tumhara)

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