गणपति देवा मेरे गणपति देवा (Ganpati Deva Mere Ganpati Deva)

गणपति देवा मेरे गणपति देवा,

माता तेरी पार्वती,

माता तेरी पार्वती,

पिता महादेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


विघ्न हरण देवा तू कहलाता,

सिद्ध कारज होंवे उसके,

प्रथम जो भी ध्याता,

चरणों में आए हम करने तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


देवों में देव प्रभु तू है निराला,

शिव का दुलारा तू है गौरा जी का लाला,

भोग है प्रिय तुम्हें,

मोदक मेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


रिद्धि सिद्धि संग मेरे घर में पधारो,

चरणों की दासी ’भाषा’ काज संवारो,

हर दिन हर पल बप्पा करें तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


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तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया(Teri Surat Pe Jaun Balihari Rasiya)

तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार रसिया
मैं तो नाचूंगी तेरे दरवार रसिया ॥

ऊँचे ऊँचे पर्वत पे, शारदा माँ का डेरा है (Unche Unche Parvat Pe Sharda Maa Ka Dera Hai)

ऊँचे ऊँचे पर्वत पे,
शारदा माँ का डेरा है,

गुरु शिव को बना लीजिए (Guru Shiv Ko Bana Lijiye)

गुरु शिव को बना लीजिए,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥

करवा चौथ व्रत कथा (Karva Chauth Vrat Katha)

एक साहूकार था जिसके सात बेटे और एक बेटी थी। सातों भाई व बहन एक साथ बैठकर भोजन करते थे। एक दिन कार्तिक की चौथ का व्रत आया तो भाई बोला कि बहन आओ भोजन करें।

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