गणपति देवा मेरे गणपति देवा (Ganpati Deva Mere Ganpati Deva)

गणपति देवा मेरे गणपति देवा,

माता तेरी पार्वती,

माता तेरी पार्वती,

पिता महादेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


विघ्न हरण देवा तू कहलाता,

सिद्ध कारज होंवे उसके,

प्रथम जो भी ध्याता,

चरणों में आए हम करने तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


देवों में देव प्रभु तू है निराला,

शिव का दुलारा तू है गौरा जी का लाला,

भोग है प्रिय तुम्हें,

मोदक मेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


रिद्धि सिद्धि संग मेरे घर में पधारो,

चरणों की दासी ’भाषा’ काज संवारो,

हर दिन हर पल बप्पा करें तेरी सेवा,

गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥


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जागरण की रात मैया, जागरण में आओ (Jagran Ki Raat Maiya Jagran Mein Aao)

जागरण की रात मैया,
जागरण में आओ,

कैसे दर आऊं, मैं तेरे दरश पाने को (Kaise Dar Aau Main Tere Darash Pane Ko)

कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,

भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

राम से बड़ा राम का नाम, जो सुमिरे भव पार हो जाए (Ram Se Bada Ram Ka Naam Jo Sumire Bhav Paar Ho Jaye)

राम से बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए,

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