ज्योत से ज्योत जगाते चलो (Jyot Se Jyot Jagate Chalo)

ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो


जिसका ना कोई संगी साथी,

ईश्वर है रखवाला

जो निर्धन है जो निर्बल है,

वो है प्रभु का प्यारा

प्यार के मोती...ती...ती...

प्यार के मोती लुटाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


आशा टूटी, ममता रूठी,

छूट गया है किनारा

बंद करो मत द्वार दया का,

दे दो कुछ तो सहारा

दीप दया...या...या...

दीप दया का जलाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


छाया है चारों और अँधेरा,

भटक गयी है दिशाएं

मानव बन बैठा दानव,

किसको व्यथा सुनाएँ

धरती को...को...को...

धरती को स्वर्ग बनाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो


ज्योत से ज्योत जगाते चलो,

ज्योत से ज्योत जगाते चलो

प्रेम की गंगा बहाते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

राह में आये जो दीन दुखी,

राह में आये जो दीन दुखी

सब को गले से लगते चलो,

प्रेम की गंगा बहाते चलो

........................................................................................................
लक्ष्मी पूजन मंत्र (Laxmi Pujan Mantra)

सबसे पहले माता लक्ष्मी का ध्यान करें :– ॐ या सा पद्मासनस्था, विपुल-कटि-तटी, पद्म-दलायताक्षी।

श्री राम स्तुति: नमामि भक्त वत्सलं (Namami Bhakt Vatsalan)

नमामि भक्त वत्सलं ।
कृपालु शील कोमलं ॥

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ॥

राम कहने से तर जाएगा (Ram Kahne Se Tar Jayega Par Bhav Se Utar Jayega)

राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उतर जायेगा।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने