थारे बिन मैया कुण म्हारो है दादी(Thare Bin Maiya Kun Mharo Hai Dadi)

थारे बिन मैया कुण म्हारो है,

थारे बिण मैया कुण म्हारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है ॥


आज आओ मैया,

म्हा पे उपकार करो,

कष्ट हर लो अब सारा,

म्हारो उद्धार करो,

मैया सुनो आज अर्जी म्हारी,

करूँ आज अरदास दिल से थारी,

कोई ना म्हारो आज है,

काई से नाही आस है,

इक थारो ही है आसरो,

थारो है विश्वास है,

थारो है विश्वास है,

मनड़ो थाने ही अब पुकारयो है,

दादी थारो ही अब सहारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है ॥


थारे दर पे म्हे आया,

मन में या आशा ल्याया,

आज तक थारी कृपा से ही,

काम सब होता आया,

माँ थारी शरण ही,

म्हे आवा हरदम,

लुटा दे तू खुशियां,

मिटा दे हर गम,

या जिंदगी की डोर मैया,

थारे ही हाथ है,

मिलेगी सारी खुशियां,

मिले जो थारो साथ है,

मिले जो थारो साथ है,

दास ‘अंकुश’ माँ थारो प्यारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है ॥


थारे बिन मैया कुण म्हारो है,

थारे बिण मैया कुण म्हारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है,

दादी थारो ही अब सहारो है ॥

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छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार (Chhath Puja: Pahile Pahil Chhathi Maiya)

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।

जबसे बरसाने में आई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ(Jab Se Barsane Me Aayi Main Badi Masti Me Hun)

जबसे बरसाने में आई,
मैं बड़ी मस्ती में हूँ,

होली पर मां लक्ष्मी की पूजा विधि

होली का हर पल जीवन के लिए एक संदेश लेकर आता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है। इस साल होली 14 मार्च को मनाई जा रही है। 14 मार्च को शुक्रवार है। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है।

धनतेरस व्रत कथा: माता लक्ष्मी और किसान की कहानी (Mata Laxmi aur kisan ki kahani: Dhanteras ki vrat Katha)

एक बार भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता पृथ्वी लोक पर घूम रहे थे। विष्णु जी किसी काम से दक्षिण दिशा की ओर चले गए और लक्ष्मी माता को वहीं पर रूकने के लिए कहा।

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