राम सिया राम, कौशल्या, दशरथ के नंदन - भजन (Ram Siya Ram, Kaushalya Dashrath Ke Nandan)

कौशल्या, दशरथ के नंदन

राम ललाट पे शोभित चन्दन

रघुपति की जय बोले लक्ष्मण

राम सिया का हो अभिनन्दन

अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में

राम सिया जपते तन मन में


मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम


मेरे तन मन धड़कन में

सिया राम राम है

मन मंदिर के दर्पण में

सिया राम राम है

तू ही सिया का राम

राधा का तू ही श्याम

जन्मो जनम का ही ये साथ है

मीरा का तू भजन

भजते हरी पवन

तुलसी में भी लिखी ये बात है


मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम


मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

........................................................................................................
सब रस रंग भरे है, रामायण जी में (Sab Ras Rang Bhare Hain Ramayan Ji Mein)

सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

परमेश्वर स्तुति स्तोत्रम् (Parameshvar Stuti Stotram)

त्वमेकः शुद्धोऽसि त्वयि निगमबाह्या मलमयं

श्री भगवत गीता चालीसा (Shri Bhagwat Geeta Chalisa)

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||
गीत सुनाऊँ अद्भुत यार | धारण से हो बेड़ा पार ||२||

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।