श्याम तोपे रंग डाँरू: होली भजन (Shyam Tope Rang Daaru)

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डारुं,

नेक आगे आ,

हाँ रे, नेक आगे आ,

हम्बे नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


रंग डारूँ तोरे अंगन सारुं लाला,

हा वाह रे रसिया,

हाँ वाह रे छैला,

तेरे गालन पर गुलचा मारू,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


टेढ़ी रे टेढ़ी तेरी पगिया,

बाँधूँ लाला,

हा वाह रे रसिया,

हाँ वाह रे छैला,

तेरी पगिया पर फुलरी डारूँ,

नेक आगे आ,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


बृज दूल्हो तू छैल,

अनोखो लाला,

तोपे तन मन धन योवन वारु,

नेक आगे आ,

उमर घटा अंबर में छाई लाला,

तोहे श्याम रंग में रंग डारू,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥

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गणेश जी की आरती व मंत्र

प्रत्येक महीने दो पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मार्गशीर्ष महीने में मनाई जाने वाली विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा पाने का उत्तम समय है।

मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

अथ श्री देव्याः कवचम् (Ath Shree Devya Kavacham)

देव्याः कवचम् का अर्थात देवी कवच यानी रक्षा करने वाला ढाल होता है ये व्यक्ति के शरीर के चारों ओर एक प्रकार का आवरण बना देता है, जिससे नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

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