श्याम तोपे रंग डाँरू: होली भजन (Shyam Tope Rang Daaru)

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डारुं,

नेक आगे आ,

हाँ रे, नेक आगे आ,

हम्बे नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


रंग डारूँ तोरे अंगन सारुं लाला,

हा वाह रे रसिया,

हाँ वाह रे छैला,

तेरे गालन पर गुलचा मारू,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


टेढ़ी रे टेढ़ी तेरी पगिया,

बाँधूँ लाला,

हा वाह रे रसिया,

हाँ वाह रे छैला,

तेरी पगिया पर फुलरी डारूँ,

नेक आगे आ,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥


बृज दूल्हो तू छैल,

अनोखो लाला,

तोपे तन मन धन योवन वारु,

नेक आगे आ,

उमर घटा अंबर में छाई लाला,

तोहे श्याम रंग में रंग डारू,

नेक आगे आ,

श्याम तोपे रंग डाँरू,

नेक आगे आ ॥

........................................................................................................
पापमोचनी एकादशी पर तुलसी पूजन कैसे करें

पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है।

विसर्जन को चलीं रे, चली रे मोरी मैया (Visarjan Ko Chali Re Chali Mori Maiya)

विसर्जन को चली रे,
चली रे मोरी मैया,

क्या है कालाष्टमी कथा

हिंदू धर्म में हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इसे भैरव अष्टमी के रूप में भी जाना जाता है।

आनंद ही आनंद बरस रहा (aanand-hi-aanand-baras-raha)

आनंद ही आनंद बरस रहा
बलिहारी ऐसे सद्गुरु की ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।