तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो (Tara Hai Sara Zamana, Shyam Hamko Bhi Taro)

तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हम ने सुना है,

श्याम मीरा को तारा,

वीणा का करके बहाना,

श्याम हम भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम द्रोपदी को तारा,

साडी का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम कुब्जा को तारा,

चन्दन का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम गणिका को तारा,

तोते का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम अर्जुन को तारा,

गीता का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम प्रहलाद को तारा,

खम्बे का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥


हमने सुना है,

श्याम केवट को तारा,

नौका का करके बहाना,

श्याम हम को भी तारो ।


तारा है सारा जमाना,

श्याम हम को भी तारो ।

हम को भी तारो,

श्याम हम को भी तारो ॥

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नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले(Nandi Pe Bitha Ke Tu Ghuma De Bhole)

नंदी पे बिठा के तू,
घूमा दे भोले जोगिया,

रखो हाथ ढाल तलवार मजबूती, जगदम्बा(Rakho Hath Dhal Talwar Majbuti Jagdamba)

रखो हाथ ढाल तलवार मुठ मजबूती,
मुठ मजबूती ए धरदे रे जगदम्बा,

फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।

मैं कितना अधम हूँ, ये तुम ही जानो (Main Kitna Adham Hu Ye Tum Hi Jano)

मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,

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