राम ना मिलेगे हनुमान के बिना (Ram Na Milege Hanuman Ke Bina)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।


पार ना लगोगे श्री राम के बिना,

राम ना मिलेगे हनुमान के बिना।

राम ना मिलेगे हनुमान के बिना,

श्री राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना।


वेदो ने पुराणो ने कह डाला,

राम जी का साथी बजरंग बाला।

जीये हनुमान नही राम के बिना,

राम भी रहे ना हनुमान के बिना।


जग के जो पालन हारे है,

उन्हे हनुमान बड़े प्यारे है।

कर लो सिफ़ारिश दाम के बिना,

रास्ता ना मिलेगा हनुमान के बिना।


जिनका भरोसा वीर हनुमान,

उनका बिगड़ता नही कोई काम।

लक्खा कहे सुनो हनुमान के बिना,

कुछ ना मिलेगा गुणगान के बिना।

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राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया(Raghav Ji Tumhe Aisa Kisne Banaya)

ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।

एक तू ही है मेरा, बाकी सब है वहम(Ek Tu Hi Hai Mera Baki Sab Hai Veham)

मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि

नवरात्रि माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया जाता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं—चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्र।

कुंभ संक्रांति शुभ योग

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

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