विंध्याचल की विंध्यवासिनी, नमन करो स्वीकार माँ (Vindhyachal Ki Vindhyavasini Naman Karo Swikar Maa)

विंध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

धुप नारियल फूल चढाने,
धुप नारियल फूल चढाने,
लाए तेरे दरबार माँ,
मैया लाए तेरे दरबार माँ,
विन्ध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

पान सुपारी ध्वजा नारियल,
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
ले हो फूलन के हार माँ,
मैया ले हो फूलन के हार माँ,
विन्ध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

लाल चुनर माँ लाल ही चोला,
लाल चुनर माँ लाल ही चोला,
लाए तेरा श्रृंगार माँ,
मैया लाए तेरा श्रृंगार माँ,
विन्ध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

पांच भक्त माई जस तोरे गावे,
पांच भक्त माई जस तोरे गावे,
हो जा दयाल कृपाल माँ,
मैया हो जा दयाल कृपाल माँ,
विन्ध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

विंध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
मेरो नमन करो स्वीकार माँ ॥

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प्रदोष व्रत के खास उपाय क्या हैं?

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जो शिव भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है।

आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)

आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,

अंजनीसुत केसरी नंदन ने (Anjani Sut Kesari Nandan Ne)

अंजनीसुत केसरी नंदन ने,
श्री राम के कारज सारे है,

कब है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

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