तोरा मन दर्पण कहलाए - भजन (Tora Man Darpan Kahlaye)

​तोरा मन दर्पण कहलाए,

भले, बुरे, सारे कर्मों को,

देखे और दिखाए ॥


मन ही देवता,

मन ही ईश्वर,

मन से बड़ा ना कोई,

मन उजियारा,

जब जब फैले,

जग उजियारा होए,

इस उजले दर्पन पर प्राणी,

धूल ना ज़मने पाए ॥


​तोरा मन दर्पण कहलाये,

भले, बुरे, सारे कर्मों को,

देखे और दिखाए ॥


सुख की कलियाँ,

दुःख के काँटे,

मन सब का आधार,

मन से कोई बात छूपे ना,

मन के नैन हजार,

जग से चाहे भाग ले कोई,

मन से भाग ना पाए ॥


​तोरा मन दर्पण कहलाये,

भले, बुरे, सारे कर्मों को,

देखे और दिखाए ॥


तन की दौलत ढ़लती छाया,

मन का धन अनमोल,

तन के कारन मन के,

धन को मत माटी में रोल,

मन की कदर भूलानेवाला,

हीरा जनम गंवाए ॥


​तोरा मन दर्पण कहलाये,

भले, बुरे, सारे कर्मों को,

देखे और दिखाए ॥


​तोरा मन दर्पण कहलाए,

भले, बुरे, सारे कर्मों को,

देखे और दिखाए ॥

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हिम्मत ना हारिए, प्रभु ना बिसारिए(Himmat Na Hariye, Prabhu Na Bisraiye)

हिम्मत ना हारिए
प्रभु ना बिसारिए ।

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी(Mere Shyam Dhani Ki Morchadi)

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी,

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

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