मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद(Meri Balaji Sunenge Fariyad)

मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

अब होगी नैया पार,

अब बनेंगे सारे काम,

अब मौज बहारें साल,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


पार लगावे सबको बाबा,

बाब सबके भाग्य विधाता,

अब कृपा दृष्टि साथ,

अब है चरणों की आस,

श्री राम दुलारे साथ,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


आस है हमको बाबा तेरी,

श्री राम के प्यारे सुनलो मेरी,

सुनो ‘सचिन’ की ये अरदास,

मेरी पूरी करदो आस,

तुम भक्तों के हर दम साथ,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥


मेरी बालाजी सुनेंगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

अब होगी नैया पार,

अब बनेंगे सारे काम,

अब मौज बहारें साल,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे,

मेरी बालाजी सुनेगे फरियाद,

बालाजी ज़रूर सुनेंगे ॥

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दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

राजा राम जी की आरती उतारू रे सखी (Sita Ram Ji Ke Aarti Utaru Ae Sakhi)

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै (Domin Beti Soop Nene Thadh Chhe)

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,

जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

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