वाक् देवी हे कलामयी हे सुबुद्धि सुकामिनी (Vak Devi He Kalamayee He Buddhi Sukamini)

वाक् देवी हे कलामयी

हे सुबुद्धि सुकामिनी

ज्ञान रूपे सुधि अनूपे

हे सरस्वती नामिनी !

वाक् देवी हे कलामयी

हे सुबुद्धि सुकामिनी

बसू अधर'मे भाव'घर'मे शुद्ध ह्रदय सँवारि दे

ज्ञान गंगा भरि दिय'

माँ विद्या भरि भरि शारदे

करू इजोरे सभ डगरि मे

घेरि रहलै जामिनी !


वाक् देवी हे कलामयी

हे सुबुद्धि सुकामिनी


पाणि वीणा पाणि पुस्तक

हंस वाहिनी वागीशे

राग लय सुर निर्झरी बहबू

हे माँ हमरो दिशे

माय देखियौ द्वंद्व एहिमन

करू शमन हरि-वामिनी !


वाक् देवी हे कलामयी

हे सुबुद्धि सुकामिनी


छल प्रपञ्चसँ दूर रहि रहि

किछु करी जगले सदा

जे देलौं माँ ज्ञान सुधि बुधि

बाँटि दी ओ सर्वदा

फूटय नै शिव के अधर सँ

दोख कुबुद्धि के दामिनी !


वाक् देवी हे कलामयी

हे सुबुद्धि सुकामिनी

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कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की रमा नाम एकादशी (Kaartik Maas Kee Krshn Paksh Kee Rama Naam Ekaadashee)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् से कहा-प्रभो ! अब आप कृपा करके कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के माहात्म्य का वर्णन करिये। पाण्डुनन्दन की ऐसी वाणी सुन भगवान् कृष्ण ने कहा-हे राजन् !

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया (Odhoji Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya)

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,

माघ पूर्णिमा पूजा विधि

हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।

माता रानी ने कृपा बरसाई - भजन (Mata Rani Ne Kripa Barsayi)

माता रानी ने कृपा बरसाई
मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

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