चैत्र नवरात्रि कथा

Chaitra Navratri Katha: चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कहानी


चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष के साथ आती है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। आइए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा।


चैत्र नवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा


महिषासुर, जो रम्भासुर का पुत्र था, अत्यंत शक्तिशाली हो गया और उसने ब्रह्माजी से वरदान प्राप्त कर लिया कि उसकी मृत्यु केवल एक स्त्री के हाथों ही हो सकती है। इस कारण, उसने तीनों लोकों पर अत्याचार शुरू कर दिया।

देवताओं की प्रार्थना पर माता दुर्गा ने अपने नौ रूप प्रकट किए। नौ दिनों तक चले घमासान युद्ध के बाद, देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। इसी के उपलक्ष्य में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है।


चैत्र नवरात्रि के दौरान प्रमुख धार्मिक कार्य


  • कलश स्थापना: घर में घट स्थापना की जाती है।
  • पूजा: देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
  • व्रत: भक्तजन नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और दान-पुण्य करते हैं।

........................................................................................................
तुम करलो प्रभु से प्यार, अमृत बरसेगा(Tum Karlo Prabhu Se Pyar Amrat Barsega)

तुम करलो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा,

छठ पूजा: कांच ही बांस के बहंगिया (Chhath Puja: Kanch Hi Bans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाय

नाग स्तोत्रम् (Nag Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।

मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ संयोग

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गीता जयंती का भी पर्व होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने