नवरात्रों की आई है बहार (Navratro Ki Aayi Hai Bahar)

नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


माँ का भवन सजाया,

फूलों कलियों से महकाया,

हुआ आँगन पवित्तर,

माँ ने करम कमाया,

ज्योत मैया की जगा के,

सबने मिरदंग बजाके,

सब भक्तो ने गाके,

खूब रंग बरसाया,

सपने हुए साकार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


रूप कंजको का धार,

आती घर घर माता,

खोले मन की जो आँखे,

वो ही दर्शन पाता,

सच्चे भाव से जो कोई,

पूरी हलवा खिलाता,

पूरी करती मुरादे,

सारे जग की विधाता,

करती है बेडा पार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥

........................................................................................................
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प‌द्मा एकादशी (Aashaadh Shukla Paksh Ki Padma Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा-हे भगवन् ! आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम और क्या माहात्म्य है और उस दिन किस देवता की पूजा किस विधि से करनी चाहिए? कृपया यह बतलाइये।

स्कंद षष्ठी व्रत की पौराणिक कथा

स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय जिन्हें मुरुगन, सुब्रमण्यम और स्कंद के नाम से भी जाना जाता है उनकी पूजा को समर्पित है। यह व्रत मुख्यतः दक्षिण भारत में मनाया जाता है। भगवान कार्तिकेय को युद्ध और शक्ति के देवता के रूप में पूजते हैं।

विष्णु जी की पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।

मां भुवनेश्वरी जयंती (Maa Bhuvaneshwari Jayanti)

जब दुर्गम राक्षस का वध करने मां ने धारण किया भुवनेश्वरी रूप, पूजा विधि के साथ जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने