शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

Shardiya Navratri Katha: शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कहानी


शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी प्रमुख पौराणिक कथाएं।


शारदीय नवरात्रि का पौराणिक महत्व


नवरात्रि देवी दुर्गा की उपासना का पर्व है। देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा इन दिनों की जाती है।


शारदीय नवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथाएं


1) महिषासुर वध की कथा:


महिषासुर ने कठिन तपस्या कर अमरता का वरदान प्राप्त किया, लेकिन केवल एक स्त्री ही उसे पराजित कर सकती थी। तब मां दुर्गा प्रकट हुईं और नौ दिनों तक युद्ध के बाद दसवें दिन महिषासुर का वध कर दिया। इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।


2) भगवान राम की कथा:


जब रावण ने सीता माता का हरण किया, तब भगवान राम ने मां दुर्गा की आराधना कर नौ दिनों तक शक्ति प्राप्त की और दसवें दिन रावण का वध किया। इसलिए, इस दिन दशहरा मनाया जाता है।


शारदीय नवरात्रि के दौरान प्रमुख धार्मिक कार्य


  • कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है।
  • पूजा: नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
  • व्रत: भक्तजन मां की भक्ति में नौ दिन उपवास रखते हैं।
  • दुर्गा विसर्जन: नौ दिनों की आराधना के बाद मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
  • नवरात्रि पारण: उपवास समाप्त करने की विधि।

........................................................................................................
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द (Aaja Kalyug Me Leke Avtar O Govind)

आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥

हो लाल मेरी पत रखियो बला - दमादम मस्त कलन्दर (O Lal Meri Pat Rakhiyo Bala Duma Dum Mast Kalandar)

ओ हो, हो हो हो
हो लाल मेरी पत रखियो बला झूले लालण

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने