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आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,

आता ही रहेगा,

दीनों की लाज श्याम,

दीनों की लाज श्याम,

बचाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


गिरते हुए को और ही,

गिराता है जहान,

गिरते हुए को थाम ले,

ऐसा कोई कहाँ,

गिरते को थाम श्याम,

गिरते को थाम श्याम,

उठाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


हारे का साथ देने की,

मुश्किल बड़ी डगर,

देकर के दान शीश का,

वो हो गया अमर,

माँ को दिया वचन वो,

माँ को दिया वचन वो,

निभाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


हालात से जो हार कर,

दरबार आ गया,

‘सूरज’ इनसे जीत का,

वरदान पा गया,

हारे हुए को श्याम,

हारे हुए को श्याम,

जीताता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥


आता रहा है सांवरा,

आता ही रहेगा,

दीनों की लाज श्याम,

दीनों की लाज श्याम,

बचाता ही रहेगा,

आता रहा है साँवरा,

आता ही रहेगा ॥

प्रदोष व्रत पर क्या करें या न करें

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने में दो बार, त्रयोदशी तिथि को (स्नान, दिन और रात के समय के अनुसार) किया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में।

शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)

शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।

मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत और पूजा विधि (Margashirsha Maas Ke Pramukh Vrat Aur Puja Vidhi)

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कैसे करें एकादशी माता का श्रृंगार?

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।

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