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भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Bhagwan Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rijhane Aaya Hun)

 भगवान तुम्हारे चरणों में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,

वाणी मैं तनिक मिठास नही,

पर विनय सुनाने आया हूँ ॥


प्रभु का चरणामृत लेने को,

है पास मेरे कोई पात्र नही,

आँखो के दोनो प्यालो मैं,

कुछ भीख माँगने आया हूँ,

भगवान तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


तुमसे लेकर क्या भेंट धरू,

भगवान आप के चरणों में,

मैं भिक्षुक हूँ तुम दाता हो,

सम्बन्ध बताने आया हूँ,

भगवान तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


सेवा को कोई वस्तु नही,

फिर भी मेरा साहस देखो,

रो रो कर आज आँसुओ का,

मैं हार चढ़ाने आया हूँ,

भगवान तुम्हारे चरणो में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ ॥


भगवान तुम्हारे चरणों में,

मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,

वाणी मैं तनिक मिठास नही,

पर विनय सुनाने आया हूँ ॥

सुध ले लो मेरी घनश्याम - भजन (Sudh Le Lo Meri Ghanshyam)

सुध ले लो मेरी घनश्याम,
आप आए नहीं,

धनु संक्रांति सूर्य अर्घ्य में क्या चढ़ाएं

पंचाग के अनुसार साल में 12 संक्रांतियां होती हैं। इन्हीं में से एक धनु संक्रांति है जो इस वर्ष 15 दिसंबर को पड़ रही है। धनु संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन से खरमास शुरू होता है।

मां वेदों ने जो तेरी महिमा कही है (Maa Vedon Ne Jo Teri Mahima Kahi Hai)

माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,
माँ वेदों ने जो तेरी महिमा कही है,

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,