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भोले तेरी कृपा से युग आते युग जाते है (Bhole Teri Kripa Se Yug Aate Yug Jate Hain)

भोले तेरी कृपा से

युग आते युग जाते है

युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु

हे शिव तेरे गुण गाते है।।


हर युग का तू रचयिता है

हर पल तू संग रहता है

करमो का फल तू देता है

बदले मे कुछ ना लेता है।।


ओ भोले सबसे निराले तेरे काम

भोले सबसे निराले तेरे काम।।


भोले तेरी कृपा से

युग आते युग जाते है

युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु

हे शिव तेरे गुण गाते है।।


अयोध्या करती है आव्हान (Ayodhya Karti Hai Awhan)

अयोध्या करती है आव्हान,
ठाट से कर मंदिर निर्माण ॥

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

दुर्गा है मेरी मां, अम्बे है मेरी मां

जयकारा शेरावाली दा
बोल सांचे दरबार की जय।
दुर्गा है मेरी मां, अम्बे है मेरी मां।
(दुर्गा है मेरी मां, अम्बे है मेरी मां।)

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है। इसी लिए विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता गणेश जी को समर्पित गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि का बनी रहती है।

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