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तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है(Tere Dar Pe Maa Zindagi Mil Gayi Hai)

तेरे दर पे माँ,

जिंदगी मिल गई है,

मुझे दुनिया भर की,

ख़ुशी मिल गई है,

तेरे दर पे माँ,

जिंदगी मिल गई है ॥


जमाने से जो ना मिला,

तुमसे पाया,

भटकता हुआ जब मै,

तेरे दर पे आया,

जो दिल में थी हसरत,

वही मिल गई है,

तेरे दर पे मॉ,

जिंदगी मिल गई है ॥


दुखो का शिकंजा,

कसा जा रहा था,

अंधेरो में जीवन,

फसा जा रहा था,

यही राह फिर से,

सही मिल गई है,

तेरे दर पे मॉ,

जिंदगी मिल गई है ॥


ये चर्चे है तीनो,

जहाँ में तुम्हारे,

अगर कोई दर पे,

झोली पसारे,

कहो चीज क्या जो,

नहीं मिल गई है,

तेरे दर पे मॉ,

जिंदगी मिल गई है ॥


तेरे दर पे मॉ,

जिंदगी मिल गई है,

मुझे दुनिया भर की,

ख़ुशी मिल गई है,

तेरे दर पे मॉ,

जिंदगी मिल गई है ॥

बिगड़ी मेरी बना जा, ओ शेरोवाली माँ (Bigdi Meri Bana Ja O Sheronwali Maa)

बिगड़ी मेरी बना जा,
ओ शेरोवाली माँ,

फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।

घर घर बधाई बाजे रे देखो (Ghar Ghar Badhai Baje Re Dekho)

घर घर बधाई बाजे रे देखो,
घर घर बधाई बाजे रे,

मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी (Main Too Sang Jaun Banwas)

मैं तो संग जाऊं बनवास
मैं तो संग जाऊं बनवास

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