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चोला माटी के हे राम (Chola Maati Ke Hai Ram)

चोला माटी के हे राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे,

चोला माटी के हे हो,

हाय चोला माटी के हें राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


द्रोणा जइसे गुरू चले गे,

करन जइसे दानी संगी,

करन जइसे दानी,

बाली जइसे बीर चले गे,

रावन कस अभिमानी,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


कोनो रिहिस ना कोनो रहय भई,

आही सब के पारी,

एक दिन आही सब के पारी,

काल कोनो ल छोंड़े नहीं संगी,

राजा रंक भिखारी,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


भव से पार लगे बर हे ते,

हरि के नाम सुमर ले संगी,

हरि के नाम सुमर ले,

ए दुनिया मा आके रे पगला,

जीवन मुक्ती कर ले,

चोला माटी के रे,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥


चोला माटी के हे राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे,

चोला माटी के हे हो,

हाय चोला माटी के हें राम,

एकर का भरोसा,

चोला माटी के हे रे ॥

सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो (Sabse Pahle Manau Ganraj Gajanand Aa Jaiyo)

सबसे पहले मनाऊँ गणराज,
गजानंद आ जइयो,

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

खाटू वाले श्याम हमारे(Khatu Wale Shyam Hamare)

खाटू वाले श्याम हमारे,
भक्तों के तू काज संवारे,

है सुखी मेरा परिवार, माँ तेरे कारण (Hai Sukhi Mera Parivaar Maa Tere Karan)

है सुखी मेरा परिवार,
माँ तेरे कारण,